Tuesday 4 June 2013

कंप्यूटरलोजिक(तर्क शस्ति)


कंप्यूटर लोजिक (तर्क शस्ति)
बोध के उपयोग की प्रक्रीया को लोजिक कहा जाता हैं. कंप्यूटर तंत्र के सॉफ्टवेर कंप्यूटर की बोध-तंत्र होते है जो वस्तुतः कार्यक्रम एवं क्रिया अनुक्रिया के दिशा निर्देश होते हैं. इन्हीं के अनुसार कंप्यूटर तंत्र कार्य करते हैं. इन दिशा निर्देशों के अनुपालन हेतु कंप्यूटर विद्युत संकेतों का उपयोग करते हैं. विद्युत संकेतों एवं सूचनाओ के द्विदिशी संपरिवर्तन को कंप्यूटर लोजिक कहा जाता हैं. दो प्रकार के कंप्यूटर लोजिक का उपयोग होता है जिन्हें अनुवर्ती / एनालोग तथा अंकीय / डिजिटल लोजिक कहा जाता हैं.
अनुवर्ती / एनालोग तर्क शस्ति/ लोजिक मे सूचना के परिणाम एवं उसके आवर्तन का यथावत निरूपण होता है. अतः कंप्यूटर तन्त्र मे विद्युत संकेत का परिणाम सूचना के परिणाम के समानुपाती होता है. एनालोग लोजिक के विद्युत संकेत सूचना उपलब्द्धि के समय से उसके परिणामस्वरूप अनवरत होते है. अंकीय लोजिक मे विद्युत संकेत अनवरत न हो कर उर्मियों के स्वरुप मे एक सुनिश्चित आवृत्ति पर अथवा सुनिश्चित अवधि के लिये उपस्तिथ होते हैं.

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